महत्वपूर्ण संसदीय शब्दावलियां

अगस्त 11, 2021

ऐसे शब्द जिनका उपयोग संसद में किया जाता है, उनको संसदीय शब्दावली कहते है। 

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शून्य काल

भारतीय संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल के ठीक बाद शून्य काल शुरू होता है। दोनों सदनों में संचालन नियम में शून्य काल का कोई उल्लेख नहीं है फिर भी यह दोनों सदनों में 12:00 से 1:00 के बीच चलता है। शून्य काल में सदस्य उन मुद्दों को उठाते है जो तुरंत कार्यवाही के लायक है। शून्य काल को शून्य काल नाम समाचार पत्रों से मिला। इसे "जीरो ओवर" के नाम से भी जाना जाता है। 

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सदन का स्थगन

सदन के स्थगन का मतलब सदन के कामकाज को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया जाता है या रोक दिया जाता है। सदन का स्थगन लोकसभा अध्यक्ष और राज्य सभा सभापति द्वारा किया जाता है। 

अधिनियम

जब पहली बार कोई संसद सदस्य प्रस्ताव रखता है उसे प्रस्ताव कहते हैं। और जब उस प्रस्ताव को पीठासीन अधिकारी की अनुमति मिल जाती है तो उसे बिल या विधेयक कहते है। और जब यह बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाता है तो इसे अधिनियम कहा जाता है। 

विघटन

जब लोकसभा का कार्यकाल पूर्ण हो जाता है तब लोकसभा का विघटन कर दिया जाता है। इससे लोक सभा समाप्त हो जाती है। विघटन केवल लोकसभा का ही हो सकता है ना कि राज्यसभा का। 

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अनुपूरक प्रश्न

जब किसी संसद सदस्य द्वारा अध्यक्ष की अनुमति से किसी प्रश्न या विषय का उत्तर दे दिया गया हो लेकिन फिर भी अन्य सदस्यों को स्पष्टीकरण हेतु अनुपूरक की अनुमति प्रदान की जाती है। 

तारांकित प्रश्न

ऐसे प्रश्न जिनका उत्तर संसद सदस्य तुरंत चाहता है ने तारांकित प्रश्न कहा जाता है। तारांकित प्रश्नों का उत्तर मौखिक दिया जाता है। तारांकित प्रश्नों को अन्य प्रश्नों से अलग करने के लिए तारा लगाकर किया जाता है। 

अतारंकीत प्रश्न

जिन प्रश्नों का उत्तर संसद का सदस्य लिखित रूप जानना चाहता है, उन्हें  अतारांकित प्रश्न कहा जाता है। इन प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया जाता है जाहिर सी बात है कि इनके अनुपूरक प्रश्न भी नही पूछे जा सकते। 

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव

यदि कोई संसद सदस्य किसी अविलंबनीय कार्य को पीठासीन अधिकारी की अनुमति से सरकार के किसी सदस्य ने मंत्री को याद दिलाता है, उसे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव कहते हैं। 

स्थगन प्रस्ताव

स्थगन प्रस्ताव को कम से कम 50 सदस्यों की स्वीकृति से ही सदन में पेश किया जाता है। स्थगन प्रस्ताव तब पेश किया जाता है जब अविलंबनीय लोक महत्व के मामले की ओर सदन का ध्यान आकर्षित करना हो। स्थगन प्रस्ताव के बाद अविलंबनय लोक महत्व के मामले पर चर्चा के लिए सदन का नियमित कार्य रोक दिया जाता है। ज्यादातर गंभीर विषय पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाया जाता है। 

अल्प सूचना प्रश्न

अविलंबनय लोक महत्व के ऐसी प्रश्न जिन्हे विनिर्दिष्ट सूचना अवधि से कम अवधि के भीतर पूछा जाता है। अल्प सूचना प्रश्नों का उत्तर भी मौखिक ही दिया जाता है और इनके बाद अनुपूरक प्रश्न पूछे जा सकते हैं। 

संचित निधि

संचित निधि का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 266(1) में किया गया है। यह सबसे बड़ी निधि है जो संसद के अधीन रखी गई है और संसद में प्रस्तुत अनुदान ओं की मांगों के द्वारा ही इसमें से धन व्यक्त किया जा सकता है। सरकार के पास जितना भी राजस्व एकत्र होता है उसे संचित निधि में रखा जाता है। राज्यों को करो विष्णु क में से उनका अंश देने के बाद जो धन बचा है उसे भी संचित निधि में डाल दिया जाता है। राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक आदि के वेतन भत्ते संचित निधि से ही दिए जाते हैं। 

आकस्मिक निधि

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 267 के अनुसार भारत सरकार एक आकस्मिक निधि की स्थापना करेगी।  संसद की स्वीकृति के बिना इस आकस्मिक निधि का धन निकाला जा सकता है। लेकिन विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रपति इस धन को निकाल सकते हैं। आकस्मिक निधि की स्थापना 1950 को की गई। 

आधे घंटे की चर्चा

सभापति किसी भी दिन 5:00 से 5:30 के बीच आधे घंटे की चर्चा का समय निर्धारित कर सकता है। जो कोई भी संसद सदस्य आधे घंटा की चर्चा मे विषय में सवाल उठाना चाहता है उसे 3 दिन पहले महासचिव को लिखित सूचना देनी होगी कि वह किस विषय पर चर्चा करना चाहता है। सभापति ही यह तय करेगा कि विषय चर्चा के लिए कितना महत्व का है। 

अल्पकालीन चर्चाएं

यदि कोई सदस्य अविलंबनय लोक महत्व का विषय पर चर्चा करना चाहता है तो वह महासचिव को लिखित सूचना दे सकेगा। अगर विषय सभापति को लोकमहत्व का लगता है तो उस पर चर्चा की जा सकती है। 

विनियोग विधेयक

विनियोग विधेयक के द्वारा संसद सदस्य भारतीय व्यय की पूर्ति के लिए अपेक्षित धन और सरकार खर्च हेतु अनुदान की मांग कर सकते हैं। भारत की संचित निधि से यदि कोई धन निकाला जाता है तो वह अनुदान धन विधेयक के अंतर्गत ही निकाला जाता है। विनियोग विधेयक का उल्लेख संविधान में अनुच्छेद 114 के अंतर्गत किया गया है। 

लेखानुदान

जैसा कि आप जानते हैं विनियोग धन विधेयक के बिना सरकार किसी भी तरह के पैसे की मांग भारत की संचित निधि से नहीं कर सकती लेकिन विनियोग विधेयक के पारित होने से पहले सरकार को जो खर्च करने होते हैं उसके लिए वह लोकसभा में लेखानुदान पारित कर कुछ धन मंजूर कर सकती है। यह धन पूरे साल के लिए नहीं होता बल्कि कुछ महीनों के लिए होता है। लेखानुदान का उल्लेख अनुच्छेद 116 (क) के अंतर्गत किया गया है। 

वित्त विधेयक

वित्त विधेयक का उल्लेख भारतीय संविधान में अनुच्छेद 112 में किया गया है। वित्त विधेयक सामान्यतः राजस्व के व्यय से संबंधित होता है। जिसमें सरकार आगामी वर्ष के लिए वित्तीय प्रस्ताव को लोकसभा में प्रस्तुत करती है। सभी वित्त विधेयक धन विधेयक नहीं हो सकते कोई वित्त विधेयक धन विधेयक है या नहीं इसका निर्णय लोक सभा का अध्यक्ष ही कर सकता है। 

धन विधेयक

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 110 अंतर्गत धन विधेयक का उल्लेख किया गया है। धन विधेयक लोकसभा में पेश किया जा सकता है। साथ ही राज्यसभा यदि धन विधेयक को 14 दिन के अंदर चर्चा में नहीं लिखी तो उसे स्वत ही पारित समझ लिया जाता है। और राष्ट्रपति भी धन विधेयक पर हस्ताक्षर करने से मना नहीं कर सकता क्योंकि इसे पहले से ही राष्ट्रपति की अनुमति से लोकसभा में पेश किया जाता है। धन से संबंधित सभी विषय धन विधेयक में आती है। 

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बैलेट

जब एक से अधिक सूचनाएं आ जाती हैं तो उनकी अग्रता का निर्णय लॉटरी के जरिए किया जाता है उसे बैलेट कहते हैं। 

अनुपूरक अनुदान

यदि वर्ष के बीच में ही कोई योजना लागू करनी पड़ जाए या फिर किसी योजना के लिए धन कम पड़ जाए तो राष्ट्रपति संसद के समक्ष अनुपूरक अनुदान प्रस्ताव लेकर आता है। 

बजट सत्र

बजट सत्र भारतीय संसद में फरवरी के दूसरे और तीसरे सप्ताह के सोमवार को आरंभ होता है, इसमें आगामी वर्ष के लिए अनुमानित आय और वह का उल्लेख किया जाता है , इसीलिए इसे बजट सत्र कहते हैं। 

सामुदायिक उत्तरदायित्व

अनुच्छेद 75 (3 ) के अनुसार मंत्री परिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व होगी। इसका अर्थ होगा कि सरकार के किसी भी मंत्री द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव को यदि साधारण बहुमत भी नहीं मिलता है तो यह माना जाएगा कि लोकसभा को सरकार में विश्वास नहीं है और सरकार गिर जाएगी। 

कटौती प्रस्ताव

यदि विपक्षी दल के नेता सरकार द्वारा पेश किए गए बजट से नाखुश हैं या किसी योजना में पैसों की कटौती करवाना चाहते हैं तो उसे कटौती प्रस्ताव कहा जाता है। विपक्षी नेता मंत्रालयों को दिए गए बजट से नाखुश हो सकते हैं। 

अविश्वास प्रस्ताव

यह प्रस्ताव भी सदन में विपक्षी दलों द्वारा ही लाया जाता है। अविश्वास प्रस्ताव लाने से पहले विपक्षी दल के पास कम से कम 50 सदस्यों का होना आवश्यक है। और  10 दिन के अंदर इस पर चर्चा होना आवश्यक है। चर्चा के बाद अध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करवाता है और यदि सरकार को साधारण बहुमत प्राप्त नहीं होता है तो सरकार गिर जाती है। 

निर्णायक मत

यदि सदन में किसी प्रस्ताव को बराबर मत प्राप्त होते हैं तो उसका पीठासीन अधिकारी का मत निर्णायक मत कहलाता है। 

सत्रावसान

स्थगन करना पीठासीन अधिकारी का कार्य होता है जबकि सत्रावसान करना राष्ट्रपति का कार्य होता है। सत्रावसान का मतलब वर्तमान सत्र का समाप्त हो जाना। 

अनियमित दिन वाला प्रस्ताव

जिस प्रस्ताव को अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किया जाता है लेकिन उस पर चर्चा के लिए कोई समय नियत नहीं किया जाता उसे अनियमित दिन वाला प्रस्ताव कहते है। 

अध्यादेश

राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की तलाशी कोई भी आदेश पारित कर सकता है जो स्थाई ना होकर 6 महीने के लिए होता है। 6 महीने बाद उस पर विचार विमर्श संसद में किया जाता है यदि वह पारित हो जाता है तो कानून बन जाता है लेकिन यदि वह पारित नहीं होता तो वह रद्द दो जाता है। 

बैकबैंचर

भारतीय संसद में आगे बैठने के लिए वरिष्ठ नेता और दलों के प्रमुख नेता के लिए सीटें फिक्स होती हैं जबकि कुछ लोग पीछे बैठते हैं उन्हें बैकबेंचर कहा जाता है। 

काकस

किसी राजनीतिक दल के प्रमुख सदस्य की बैठक को खाकर कहते हैं जिससे पूरा दल संचालित होता है। 

न्यायिक पुनरावलोकन

यदि भारत की संसद कोई कानून पारित कर दें और उसे लागू कर दे तो फिर भारत की न्यायपालिका के पास उसे पुनरावलोकन की शक्ति है और वे उसे अस्वैधानिक घोषित कर सकती है। 

गणपूर्ती

इसको कोरम भी कहते हैं, संसद में बैठने के लिए एक निश्चित सदस्य संख्या होती है जिससे बैठक की शुरुआत होती है उसे गणपूर्ति कहते हैं जो संसद का दसवां भाग होता है। 

प्रश्न काल

इस कॉल में सदस्यों को सरकार से प्रश्न पूछने और उन पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का समय मिलता है जिससे सरकार की जवाबदेहिता बनी रहती है। 

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संसदीय शब्दावली लेख के बारे में सामान्य जानकारी

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[[ संदर्भ ]]

  1. ज्यादातर शब्दावलियां लोकसभा की सरकारी वेबसाइट से पुष्टि की गई है। http://loksabhahindiph.nic.in/CommonParliament.aspx?fmane=par5.htm
  2. अतारंकित प्रश्न की पुष्टि राज्य सभा की वेबसाइट से की गई है।वेबसाइट
  3. स्थगन प्रस्ताव लोकसभा की ऑफिशियल वेबसाइट पीडीएफ से पुष्टिhttp://loksabhaph.nic.in/writereaddata/Hindi/Abstract/6-Adjournment%20Motions.pdf
  4. अल्प सूचना प्रश्न की भारतीय पार्लियामेंट वेबसाइट से पुष्टिhttp://164.100.47.194/our_parliament/par5.htm
  5. संचित निधि की पुष्टि भारत सरकार की इंडिया बजट वेबसाइट से की गई है। इंडिया बजट
  6. आधे घंटे की चर्चा  लेख की पुष्टि राज्यसभा की वेबसाइट से की गई है। राज्यसभा
  7. अल्पकालीन चर्चा की पुष्टि राज्यसभा
  8. विनियोग विधेयक की पुष्टि इंडिया बजट की वेबसाइट से की है। Pdf पेज नंबर 3 (ग) में इसका उल्लेख है। 
  9. लेखानुदान की पुष्टि भारत की रेलवे वेबसाइट की पीडीएफ से की गई है। 
  10. वित्त विधेयक 2021 की pdf सरकारी बजट वेबसाइट से पुष्टि 
  11. निर्णायक मत की पुष्टि राज्यसभा की वेबसाइट से की है।
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