लोकसभा

अगस्त 11, 2021

लोकसभा का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है, इसलिए इसे लोकप्रिय सदन भी कहते है। लोकसभा में बहुमत प्राप्त साल की ही देश में सरकार बनती है। लोकसभा सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है। लोकसभा भंग हो सकती है, इसलिए इसे संसद का निचला सदन कहते है।

नोट - टेबल ऑफ कंटेंट से आप अपनी पसंदीदा जानकारी पढ़ सकते हैं। 

लोकसभा

कार्यकाल5 वर्ष (लोकसभा भंग न होने की स्थिति में)
अधिकतम सीट552 सीटे
उपनामनिम्न सदन

निर्माताभारतीय संविधान
वेबसाइटhttps://loksabha.nic.in/

लोकसभा का कार्यकाल कितना होता है?

वैसे तो लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, लेकिन लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाकर इसे कभी भी भंग किया जा सकता है। जिसके कारण इसे अस्थाई सदन भी कहते हैं। इस मंत्री परिषद की सलाह से भी भंग किया जा सकता है।

अनुच्छेद 352 के अंतर्गत आपातकाल में लोकसभा के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है। एक बार में लोकसभा के कार्यकाल को 1 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।

भारत में पांचवी लोकसभा का कार्यकाल 7 वर्ष का रहा जिसमें इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकसभा का कार्यकाल बढ़ाया।

लोकसभा सदस्य की योग्यता

सबसे पहले तो आप भारतीय नागरिक होने चाहिए, और  आपकी उम्र 25 वर्ष होनी चाहिए। भारत सरकार या राज्य सरकार के किसी भी आसीन पद का लाभ न हो, और आप पागल या दिवालिया नही होने चाहिए तो आप एक लोकसभा सदस्य बन सकते है या लोकसभा चुनाव लड़ सकते है।

लोकसभा के बारे में रोचक तथ्य

क्या आप जानते हैं 1996 से पहले 3 लोकसभा क्षेत्र से एक प्रत्याशी चुनाव लड़ सकता था, लेकिन इसमें बदलाव कर इसे 2 कर दिया गया है।

यदि किसी भी राजनीतिक पार्टी को विपक्ष का नेता बनाना है तो उस पार्टी को सदन के 10 फ़ीसदी सदस्य होने चाहिए।वरना कोई विपक्ष नही होता और वर्तमान में बीजेपी की सरकार में किसी के पास भी 10% सदस्य नही है।

लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा ही करती है, और उसके लिए वोटिंग की जाती है।

लोकसभा का अध्यक्ष उपाध्यक्ष को अपना इस्तीफा दे सकता है और उपाध्यक्ष लोकसभा के अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दे सकता है।

लोकसभा को संसद का निचला सदन भी कहा जाता है जिसका अर्थ निम्न सदन भी होता है। राज्य सभा सांसद का उच्च सदन है।

लोकसभा की सदस्य संख्या

लोकसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है,जिनमे से 530 सदस्य राज्यो से चुने जाते है और 20 सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों से आते है। इसके साथ ही यदि राष्ट्रपति को लगे कि एंग्लो इंडियन समुदाय का सदन में पर्याप्त प्रीतिनिधित्व नही है तो वह 2 एंग्लो इंडियन सदस्य लोकसभा में मनोनित कर सकते है।

भारत में लोकसभा सीटों का क्षेत्र का बटवारा जनसंख्या के आधार पर किया गया है। और लोकसभा सीटों का बंटवारा करने वाली समिति को परिसीमन आयोग कहते है।

लोकसभा की शक्तियां

विधायी शक्तियां

लोकसभा संघ सूची, समवर्ती सूची और अनेक बार राज्य सूची के विषयों पर विधि बना सकती है।

कोई भी विधेयक धन विधेयक है या नहीं इसका फैसला लोकसभा का अध्यक्ष करता है।

धन विधेयक को केवल लोकसभा में ही लाया जा सकता है। और संयुक्त बैठकों की अध्यक्षता भी लोकसभा अध्यक्ष ही करता है।

वित्तीय शक्तियां

भारत के संविधान में अनुच्छेद 109 के तहत लोकसभा की वित्तीय मामलों में शक्तियां राज्यसभा से ज्यादा है कोई भी धन विधेयक सिर्फ लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है और लोकसभा में पारित होने के बाद 14 दिन के अंदर राज्यसभा में इस विधेयक का पारित होना अनिवार्य है वरना वह स्वत ही पारित मान लिया जाता है। धन के आय और व्यय का विवरण लोकसभा के पास ही रहता है।

कार्यपालिका पर नियंत्रण की शक्ति

लोकसभा अनेक तरीकों से कार्यपालिका पर नियंत्रण करती है मंत्रिमंडल तब तक ही अपने पद पर रह सकता है जब तक लोकसभा को उसमें विश्वास प्राप्त हो। लोकसभा में कभी भी अविश्वास प्रस्ताव लाकर मंत्रिमंडल और लोकसभा को भंग किया जा सकता है।

लोकसभा की और भी बहुत सारी शक्तियां हैं जिन्हें हम आगे किसी और लेख में विवरण से पढ़ेंगे।

लोकसभा के सत्र

बजट सत्र

यह सत्र जनवरी के अंत में शुरू होता है और अप्रैल के अंत तक चलता है। और इस सत्र में एक अवकाश होता है, ताकि संसदीय समितियां बजट पर चर्चा कर सकें।

मानसून सत्र

यह सत्र जुलाई माह में शुरू होता है और अगस्त में खत्म हो जाता है और यह 3 सप्ताह तक चलता है।

शीतकालीन सत्र

यह सत्र नवंबर से दिसंबर के बीच चलता है।

लोकसभा का चुनाव

लोकसभा का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है, कोई भी व्यक्ति जो 18 वर्ष की उम्र पर कर चुका है।लोकसभा के सासंद के लिए वोट डाल सकता है।

लोकसभा और राज्यसभा में अंतर

राज्यसभा स्थाई सदन होता है जो कभी भंग नहीं किया जा सकता जबकि लोक सभा अस्थाई सदन होता है जिसे मंत्री मण्डल भंग कर सकती है।

लोकसभा का चुनाव प्रत्यक्ष रुप से किया जाता है वहीं राज्यसभा का चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली द्वारा किया जाता है।

लोकसभा के सदस्यों की संख्या 552 है वहीं राज्य सभा के सदस्यों की संख्या 250 है।

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अपील 

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संदर्भ 

बाहरी कड़ियां। 
  • Ncert की किताब जो आपको पढ़नी चाहिए। 
  • यूट्यूब वीडियो एंबेड की गई है। इसका लाभ मूल बनाने वाले को होगा। 
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