रणछोड़ दास - भुज फिल्म में संजय दत्त का किरदार

अगस्त 03, 2021

अजय देवगन की फिल्म भुज द प्राइड ऑफ इंडिया में संजय दत्त जिस शख्स का किरदार निभा रहे हैं। उनका नाम रणछोड़ दास पागी है। इनके बारे में काम ही लोग जानते है। रणछोड़ दासपागी की 1965 और 1971 के युद्ध में योगदान देने के लिए संग्राम पदक, पुलिस पदक व समर सेवा पदक आदि सम्मान भी मिल चुके है।

नोट - टेबल ऑफ कंटेंट से आप अपनी पसंदीदा जानकारी पढ़ सकते हैं। 


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रणछोड़ दास पागी भुज

नामरणछोड़ दास

जन्म स्थानगुजरात बनासकांठा
फिल्मभुज द प्राइड ऑफ इंडिया
सम्मानसंग्राम पदक, पुलिस पदक व समर सेवा पदक
निधन2013

रणछोड़ दास पागी की एक कहानी

2008 में फील्ड मार्शल मानेक वेलिंगटन अस्पताल तमिलनाडु में भर्ती थे। गंभीर अवस्था और मूर्छित अवस्था में बॉक्सर एक नाम पर करते थे पागी - पागी

एक दिन डॉक्टरों ने उनसे पूछा हू इज दिस पागी

1971 का युद्ध भारत जीत चुका था, उसके बाद जर्नल मानेक शॉ ढाका में थे। उन्होंने आदेश दिया की आज का डिनर वो पागी के साथ ही करेंगे। पागी को लेने हेलीकॉप्टर भेजा गया। जैसे ही पागी जी को लेकर हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी उनकी एक थैली हेलीकॉप्टर में से गिर गई। हेलीकॉप्टर को वापस कर आ गया और नियमानुसार उनकी वह थैली खोलकर देखी गई, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा की उस थैली में दो रोटी एक प्याज, और बेसन का पकवान गठिया था। जैसे ही डिनर को पहुंचे एक रोटी सैम साहब ने खाई और दूसरी पागी ने।

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गुजरात अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रणछोड़ दास पोस्ट

गुजरात के अंतर्राष्ट्रीय पाकिस्तान के बॉर्डर पर एक पोस्ट है उसका नाम रणछोड़ दास पोस्ट इन्ही के नाम पर रखा गया है।और उस पोस्ट पर रणछोड़ दास जी की मूर्ति भी लगाई गई है। ऐसा पहली बार हुआ की किसी आदमी के नाम पर सेना की पोस्ट और उसकी मूर्ति लगाई गई हो।

रणछोड़ दास मार्गदर्शक के रूप में

पानी का अर्थ होता है मार्गदर्शक अर्थात वो व्यक्ति जो रेगिस्तान में रास्ता दिखाएं।

रणछोड़ दास पागी का असली नाम रणछोड़ दास रबारी था लेकिन जर्नल सैम उनको पागी को नाम से बुलाते थे।

रणछोड़ दास का शुरुआती जीवन

रणछोड़ दास गुजरात के बनासकांठा जिले में पाकिस्तान की सीमा से सटे गांव पैथापुर गथड़ो के रहने वाले थे। और वे भेड़ बकरी और ऊंटों को चराया करते थे। जब 58 वर्ष की आयु के थे तो बनासकांठा पुलिस ने उन्हें मार्गदर्शक के रुप में रख लिया।

रणछोड़ दास द्वारा ऊट के पैर देखना

रणछोड़ दास ऊंट के पैरो के निशान देख कर बता देते थे कि उस पर कितने आदमी सवार थे। इंसानी पैरों के निशान देखकर वजन से लेकर उम्र तक का अंदाजा लगा लेते थे। पैरों के निशान देखकर बता देते थे कि कितनी देर पहले का निशान है कितनी दूर तक गया होगा और इन सब का वह एकदम सटीक आकलन देते थे। 

रणछोड़ दास पागी पर बन रही फिल्म

भारतीय अभिनेता अजय देवगन भुज द प्राइड ऑफ इंडिया नाम की फिल्म बना रहे हैं जिसमें संजय दत्त पागी का रोल निभा रहे हैं। युवा पीढ़ी रणछोड़ दास पागी से अनजान हैं और इस फिल्म के बाद वह एक बार फिर ट्रेंड में आने वाले हैं। 

1965 के युद्ध में रणछोड़ दास पागी की सहायता

1965 के युद्ध में आरंभ में पाकिस्तानी सेना ने भारत के गुजरात में कच्छ सीमा पर विधकोट नामक स्थान पर कब्जा कर लिया। और इस मुठभेड़ में भारत के 100 से भी ज्यादा सैनिक हताहत हो गए। इसीलिए भारतीय सैनिकों की 10000 की एक टुकड़ी 3 दिन में छारकोट पहुंचना आवश्यक था। तब उसमे रणछोड़ दास के मार्गदर्शन से वह टुकड़ी 24 घण्टे में ही छारकोट पहुंच गई। 

और इसके बाद सेना में एक नया पद सृजित किया गया जिसका नाम था पागी अर्थात पैरो का जानकर। 

रणछोड़ दास पागी से जुड़ी अन्य कहानियां

एक बार भारतीय सीमा में छिपे 12100 पाकिस्तानी सैनिकों की जगह की जानकारी के साथ साथ उनको निश्चित संख्या केवल उनके पद चिन्ह देखकर बता दी थी। 

1971 के युद्ध में पागी की महत्वता

1971 के युद्ध में रणछोड़ दास पाजी का कार्य अग्रिम मोर्चे तक गोला बारूद पहुंचाना था। पाकिस्तान के पाली नगर शहर पर जो भारतीय झंडा फहराया इस जीत में रणछोड़ दास पाली की अहम भूमिका थी इसके लिए जर्नल सैम साहब ने स्वय उन्हें 300 रुपए का पुरुष्कार अपनी जेब से दिया।

रणछोड़ दास पागी की मृत्य

2009 में बागी ने सेना से सेवानिवृत्ति ले ली और तब रणछोड़ दास पागी की उम्र 108 वर्ष थी और सन 2013 में 112 वर्ष की उम्र में रणछोड़ दास पागी का निधन हो गया।

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अपील 

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संदर्भ

  • रणछोड़ दास पागी जी की फोटो विकिपीडिया कॉमन्स से ली गई है। आप लिंक पर जाकर लाइसेंस के और फोटोग्राफर के बारे में जान सकते है।
  • और यूट्यूब वीडियो एंबेड की गई है न की डाउनलोड।

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