भारत के प्रधानमंत्री की शक्तियां और कार्य
भारतीय प्रधानमंत्री के पास वह सारी शक्तियां हैं जो अमेरिका के राष्ट्रपति के पास होती है लेकिन वह जनता के प्रति उत्तरदाई होता है। प्रधानमंत्री के पास जनता से अधिक शक्तियां नहीं हो सकती।
नोट - आप टेबल ऑफ कंटेंट से अपनी पसंदीदा जानकारी पढ़ सकते हैं लेकिन यदि आप विद्यार्थी हैं तो पूरा लेख जरूर पढ़ें।
भारत के प्रधानमंत्री के बारे में रोचक तथ्य
- भारतीय संविधान में प्रधानमंत्री पद का उल्लेख अनुच्छेद 74, 75 और 78 में किया गया है।
- अनुच्छेद 75 में उल्लेख किया गया है कि अन्य मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री के परामर्श से राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
- अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भारत की विदेश नीति का निर्धारण प्रधानमंत्री के द्वारा ही किया जाता है।
- प्रधानमंत्री लोकसभा का नेता होता है।
- प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल और राष्ट्रपति के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है और दोनों में सामंजस्य स्थापित करता है।
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शक्तियों की बात की जाए तो, भारत के प्रधानमंत्री की तुलना अमेरिका के राष्ट्रपति से की जा सकती है। ये कथन डा. भीमराव अम्बेडकर का था।
प्रधानमंंत्री के कार्यों का विवरण
मंत्रिमंडल का गठन करना और मंत्रियों को पद मुक्त करना
प्रधानमंत्री सभी विभागों के मंत्रियों की लिस्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, और राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह से मंत्रियों की नियुक्ति करता है।
सभी मंत्री प्रधानमंत्री के प्रसादपर्यंत अपने पद पर बने रह सकते हैं। यदि किसी मंत्री से प्रधानमंत्री का विश्वास उठ जाता है या उससे कार्य से प्रधानमंत्री को विश्वास होता है उस मंत्री को हटाने की सिफारिश प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से कर सकता है।
मंत्रियों के बीच सामंजस्य स्थापित करना
प्रधानमंत्री सभी विभागों के मंत्रियों को सलाह देता है और उनके बीच आपस में विचार-विमर्श करके सामंजस्य स्थापित करता है।
मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता करना
मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करता है और प्रधानमंत्री ही मंत्रिमंडल की बैठक को बुलाता है और उसका उद्देश्य और बैठक का स्थान समय और दिनांक निर्धारित करता है।
राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच की कड़ी
सभी कानूनों को पारित होने के बाद राष्ट्रपति को सूचना देना सभी योजनाओं की सूचना राष्ट्रपति को देना और मंत्रिपरिषद में चल रहे कार्यों की राष्ट्रपति को सूचना देना प्रधानमंत्री का कार्य है। राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच की कड़ी प्रधानमंत्री को कहा जाता है।
विदेशो में राष्ट्र का नेता
प्रधानमंत्री विदेशी नीतियों में या विदेशों में भारत का नेतृत्व करता है। और सभी विदेश नीतियां बनाता है। सामान्यत: प्रधानमंत्री के बदलने से विदेश नीतियां भी बदल जाती हैं।
लोकसभा का नेता
प्रधानमंत्री बहुमत दल का अध्यक्ष होता है और बहुमत दल के नेता को ही प्रधानमंत्री बनाया जाता है इसीलिए लोकसभा का नेता भी सामान्यत: प्रधानमंत्री ही होता है। प्रधानमंत्री सभी मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखता हैै, और सरकार का प्रमुख प्रवक्ता होता है।
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[[ संदर्भ ]]
- प्रधानमंत्री की शक्तियों के बारे में कुछ जानकारी ncert की पीडीएफ से ली गई है। पेज 13 और 14 से।
- यूट्यूब वीडियो एंबेड की गई है। इसका लाभ मूल बनाने वाले को होगा।
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