पहला संविधान संशोधन
संविधान संशोधन एक 1951 में किया गया, और एमए नौवीं अनुसूची को जोड़ा गया। तंत्रिका समानता एवं संपत्ति से संबंधित मौलिक अधिकारों को लागू किए जाने और उसमें कुछ सुधार किए जाना भी इसमें शामिल था। संविधान में नवीं अनुसूची जोड़ी गई और इस में आने वाले विषयों पर न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति कार्य नहीं करती।
दूसरा संविधान संशोधन
दूसरा संविधान संशोधन 1951 की जनगणना के आधार पर लोकसभा में प्रतिनिधित्व को पुनः व्यवस्थित किया गया। दूसरा संविधान संशोधन 1952 में हुआ।
तीसरा संविधान संशोधन
तीसरे संविधान संशोधन के अंतर्गत सातवीं अनुसूची को समवर्ती सूची की 33 प्रविष्ट के स्थान पर खाद्यान्न पशुओं के लिए चारा जैसी चीजों को लोकहित में समझने पर सरकार नियंत्रण लगा सकती है। तीसरा संविधान संशोधन 1954 में किया गया।
चौथा संविधान संशोधन
चौथा संविधान संशोधन 1955 में किया गया और इसके अंतर्गत व्यक्तिगत संपत्ति कुल कितने राज्य द्वारा हस्त गत किए जाने की स्थिति में न्यायालय की छतिपर्ति के संबंध में परीक्षा नहीं कर सकती।
पांचवा वा संविधान संशोधन
5 वा संविधान संशोधन 1955 में किया गया जिसके अंतर्गत राष्ट्रपति को एक शक्ति प्रदान की गई कि वे राज्यों की क्षेत्र सीमा और नामों को प्रभावित करने वाले प्रस्तावित केंद्रीय विधान पर अपने मत देने के लिए राज्य मंडलों हेतु समय सीमा का निर्धारण करें।
छठा संविधान संशोधन
छटा संविधान संशोधन 1956 में किया गया। इस संशोधन द्वारा सातवीं अनुसूची के संघ सूची में परिवर्तन कर अंतर राज्य विक्रीकर के अंतर्गत कुछ वस्तुओं पर केंद्र को कर लगाने का अधिकार दिया गया।
सातवा वा संविधान संशोधन
7 वा संविधान संशोधन 1956 में किया गया इस संशोधन द्वारा भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया जिसमें पहले से तीन श्रेणियों में राज्यों की वर्गीकरण को समाप्त करते हुए राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में उन्हें विभाजित किया गया साथ ही इन के अनुरूप केंद्र एवं राज्य की विधान पालिकाओं में सीटों को पुनर्गठित किया गया।
आठवां संविधान संशोधन
8 वा संविधान संशोधन 1959 में किया गया इसके अंतर्गत केंद्र एवं राज्यों के निम्न शब्दों में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति व आंगन भारतीय समुदायों के आरक्षण संबंधी प्रावधानों को 10 वर्ष के लिए अर्थात 1970 ईस्वी तक बढ़ा दिया गया।
नवां संविधान संशोधन
9 वा संविधान संशोधन 1960 में किया गया इसके द्वारा संविधान की प्रथम अनुसूची में परिवर्तन करके भारत और पाकिस्तान के बीच 1958 की संधि की शर्तों के अनुसार बेरुबारी खुलना आदि क्षेत्र पाकिस्तान को दे दिए गए।
10 वां संविधान संशोधन
10 वा संविधान संशोधन 1961 में किया गया इसके अंतर्गत भूतपूर्व पुर्तगाली अंतर चित्र दादर और नागर हवेली को भारत में शामिल कर उन्हें केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया।
11 वा संविधान संशोधन
11 संविधान संशोधन 1961 में किया गया इसके अंतर्गत उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के प्रावधानों में परिवर्तन कर इस संदर्भ में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को बुलाया गया साथ ही यह भी निर्धारित किया गया कि निर्वाचक मंडल में पद की परीक्षा के आधार पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन को चुनौती नहीं दी जा सकती।
12 वा संविधान संशोधन
बार-बार संविधान संशोधन 1962 में किया गया इसके अंतर्गत संविधान की प्रथम अनुसूची में संशोधन कर गोवा दमन नदी को भारत में केंद्र शासित प्रदेश के रूप में शामिल कर लिया गया।
13 संविधान संशोधन
13 संविधान संशोधन 1962 में किया गया इसके अंतर्गत नागालैंड के संबंध में विशेष प्रावधान अपना कर उसे एक राज्य का दर्जा दे दिया गया।
14 वा संविधान संशोधन
14 संविधान संशोधन 1963 में किया गया इसके अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पांडुचेरी को भारत में शामिल किया गया साथ ही इसके द्वारा हिमाचल प्रदेश मणिपुर त्रिपुरा गोवा दमन दीव और पांडिचेरी केंद्र शासित प्रदेशों में विधान पालिका में मंत्री परिषद की स्थापना की गई।
15 वा संविधान संशोधन
15 वा संविधान संशोधन 1963 में किया गया इसके अंतर्गत उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवा मुक्ति की आयु साइड से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई तथा अवकाश प्राप्त न्यायाधीशों की उच्च न्यायालय में नियुक्ति से संबंधित प्रावधान बनाए गए।
सोहलवां संविधान संशोधन
16 संविधान संशोधन 1963 में बनाया गया और इसके अंतर्गत देश की संप्रभुता एवं अखंडता के हित में मूल अधिकारों पर कुछ प्रतिबंध लगाने के प्रावधान रखे गए साथ ही तीसरी अनुसूची में परिवर्तन कर शपथ ग्रहण में अंतर्गत में भारत की स्वतंत्रता और अखंडता को बनाए रखूंगा जोड़ा गया।
17 वा संविधान संशोधन
17 वा संविधान संशोधन 1964 में किया गया इसमें संपत्ति के अधिकारों में और भी संशोधन करते हुए कुछ अन्य भूमि सुधार प्रावधानों को नौवीं अनुसूची में रखा गया जिसकी वैधता की परीक्षा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नहीं की जा सकती थी।
18 वां संविधान संशोधन को
18 वा संविधान संशोधन 1966 में किया गया इसके अंतर्गत पंजाब का भाषाई आधार पर पुनर्गठन करते हुए पंजाबी भाषी क्षेत्र को पंजाब में हिंदीभाषी क्षेत्र को हरियाणा के रूप में गठित किया गया पर्वतीय क्षेत्र हिमाचल प्रदेश को दे दिए गए तथा चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया।
उन्नीसवां संविधान संशोधन
19 वा संविधान संशोधन 1966 में किया गया इसके अंतर्गत चुनाव आयोग के अधिकारों में परिवर्तन किया गया एवं उच्च न्यायालय को चुनाव याचिकाएं सुनने का अधिकार दिया गया।
20 वा संविधान संशोधन
20 वा संविधान संशोधन 1966 में किया गया इसके अंतर्गत अधिनियम अंता के आधार पर नियुक्त कुछ जिलों न्यायाधीशों की नियुक्ति की वैधता प्रदान की गई।
21 वा संविधान संशोधन
21 वां संविधान संशोधन 1967 ईस्वी में किया गया इसके द्वारा सिंधी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची के अंतर्गत 15वीं भाषा के रूप में शामिल किया गया।
22 वा संविधान संशोधन
22 वा संविधान संशोधन 1969 में किया गया इसके द्वारा असम से अलग करके एक नया राज्य में मेघालय बनाया गया।
23 वा संविधान संशोधन
23 वा संशोधन 1969 ईस्वी में किया गया इसके अंतर्गत विधान पालिकाओं में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण एवं आंग्ल भारतीय समुदाय के लोगों का मनोनयन और 10 वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया।
24 वा संविधान संशोधन
24 वा संविधान संशोधन 1971 में किया गया इस संशोधन के अंतर्गत संसद की इस शक्ति को स्पष्ट किया गया कि वह संविधान के किसी भाग को जिसके भाग 3 के अंतर्गत आने वाले मूल अधिकार भी हैं संशोधित कर सकती है साथ ही यह भी निर्धारित किया गया कि संशोधन संबंधी विधेयक जब दोनों सदनों में पारित कर राष्ट्रपति के समक्ष जाएगा तो राष्ट्रपति द्वारा सहमति दिया जाना बाध्यकारी होगा।
25 वा संविधान संशोधन
25 वा संविधान संशोधन 1971 ईस्वी में किया गया इसके अंतर्गत संपत्ति के मूल अधिकार में कटौती अनुच्छेद 39 है या गए में वर्णित निर्देशक तत्व को प्रभावी करने के लिए बनाई गई किसी भी विधि को अनुच्छेद 14 19 और 31 द्वारा अभी निश्चित अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती।
26 वां संविधान संशोधन
26 वा संविधान संशोधन 1971 में किया गया इसके अंतर्गत भूतपूर्व देशी राज्यों के शासकों की विशेष उपाधियों एवं उनके प्रिवी पर्स को समाप्त कर दिया गया।
27 वा संविधान संशोधन
27 वा संविधान संशोधन 1971 में किया गया इसके अंतर्गत मिजोरम एवं अरुणाचल प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में स्थापित किया गया।
29 वा संविधान संशोधन
29 वा संविधान संशोधन 1972 में किया गया इसके अंतर्गत केरल को सुधार संशोधन अधिनियम 1969 तथा केरल भूसौला संशोधन अधिनियम 1971 को संविधान की नौवीं अनुसूची में रखकर इस की संवैधानिक वैधता को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सके।
31 वां संविधान संशोधन
इसके द्वारा लोकसभा के सदस्यों की संख्या 525 से 545 कर दी गई और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व 25 से घटाकर 20 कर दिया गया।
32 वा संविधान संशोधन
इसके द्वारा संसद एवं विधान पालिकाओं के सदस्यों द्वारा दबाव में या जबरदस्ती किए जाने पर इस्तीफा देना अवैध घोषित किया गया एवं अध्यक्ष को यह अधिकार दिया गया कि वह सुरक्षा से दिए गए एवं उचित त्यागपत्र को ही स्वीकार करें।
34 वा संविधान संशोधन
34 वा संविधान संशोधन 1974 में किया गया इसके अंतर्गत विभिन्न राज्यों द्वारा पारित 20 भूल सुधार अधिनियम को नौवीं अनुसूची में प्रवेश देते हुए उन्हें न्यायालय द्वारा संशोधित परीक्षण से मुक्त किया गया।
35 वां संविधान संशोधन
इसके अंतर्गत सिक्किम का संरक्षित राज्य का दर्जा समाप्त कर उसे संबंध राज्यों के रूप में भारत में प्रवेश दिया गया।
36 वा संविधान संशोधन
इसके अंतर्गत सिक्किम को भारत का 22 वा राज्य बनाया गया और यह 1975 में किया गया।
37 वा संविधान संशोधन
इसके तहत आपका स्थिति की घोषणा और राष्ट्रपति राज्यपाल एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक प्रधानों द्वारा अध्यादेश जारी किए जाने की विवादित बनाते हुए न्यायिक पुनर्विचार से उन्हें मुक्त रखा गया है 37 वा संविधान संशोधन 1975 में किया गया।
39 वा संविधान संशोधन
39 वा संविधान संशोधन 1975 में किया गया इसके अंतर्गत राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री एवं लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन संबंधी विवादों को न्यायिक परीक्षण से मुक्त किया गया।
41 वा संविधान संशोधन
41 वा संविधान संशोधन 1976 में किया गया इसके द्वारा राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की सेवा मुक्ति की आयु सीमा साइड से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई पर संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की सेवानिवृत्ति की अधिकतम आयु 65 वर्ष रहने दी गई।
42 वा सविधान संसोधन
42 वा संविधान संशोधन 1976 में किया गया इसके द्वारा संविधान में व्यापक परिवर्तन लाए गए जिनमें से मुख्य निम्नलिखित थी संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी धर्मनिरपेक्ष में एकता और अखंडता शब्द जोड़े गए सभी नीति निर्देशक सिद्धांतों को मूल अधिकारों पर सर्वोच्चता सुनिश्चित की गई इसके अंतर्गत संविधान में 10 मौलिक कर्तव्यों का अनुच्छेद 51 के में जोड़ा गया इसके द्वारा संविधान को न्यायिक परीक्षण से मुक्त किया गया सभी विधानसभा एवं लोकसभा की सीटों की संख्या को इस शताब्दी के अंत तक स्थिर कर दिया गया लोकसभा एवं विधानसभा की अवधि को 5 वर्ष से 6 वर्ष कर दिया गया इसके द्वारा यह निर्धारित किया गया कि किसी केंद्रीय कानून की वैधता पर सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य के कानून की वैधता को उच्च न्यायालय में परीक्षण करेगा साथ ही यह भी निर्धारित किया गया कि सभी संवैधानिक वैधता के प्रश्न पर 5 से अधिक न्यायाधीशों की बेंच द्वारा दो तिहाई बहुमत से निर्णय दिया जाना चाहिए और यदि न्यायाधीशों की संख्या 5 तक हो तो निर्णय सर्वसम्मति से होना चाहिए जिसके द्वारा वन संपदा शिक्षा जनसंख्या नियंत्रण आदि विषयों को राज्य सूची समवर्ती सूची के अंतर्गत कर दिया गया इसके अंतर्गत निर्धारित किया गया कि राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद और उसके प्रमुख प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार कार्य करेगा इस ने संसद को राष्ट्रपति और गतिविधि से निपटने के लिए कानून बनाने का अधिकार दिए और स्थापित की।
44 वा संविधान संशोधन
44 वा संविधान संशोधन 1978 में किया गया इसके अंतर्गत राष्ट्रीय आपातकाल स्थिति लागू करने के लिए आंतरिक अशांति के स्थान पर सैन्य विद्रोह का आधार रखा गया और आपात स्थिति संबंधी अन्य प्रावधानों में परिवर्तन लाया गया जिसका दुरुपयोग न हो इसके द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों के भाग से हटाकर विधिक अधिकारों की श्रेणी में कर दिया गया लोकसभा व राज्यसभा विधानसभाओं की अवधि 6 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दी गई उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधी विवादों को हल करने की अधिकारिता प्रदान की गई।
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