विश्व भूगर्भ जल दिवस - 10 जून दिवस
विश्व भूगर्भ जल दिवस 10 जून को मनाया जाता है। विश्व भूगर्भ दिवस को मनाने का एक कारण ये भी है, कि विश्व के पीने लायक पानी का ज्यादातर भाग पृथ्वी के भूगर्भ में ही मौजूद है। और कुछ महान वैज्ञानिक और विचारकों का मानना तो यहां तक है कि तृतीय विश्व युद्ध पानी के लिए ही होगा।
विश्व भूगर्भ जल दिवस को अंग्रेजी में क्या कहते है?
विश्व भूगर्भ जल दिवस को अंग्रेजी में world geothermal water day कहा जाता है।
विश्व भूगर्भ जल दिवस पर निबंध
पीने योग्य जल का मुख्य स्रोत भूगर्भ जल ही है, मगर औद्योगिकरण प्रदूषण, जंगल को काटना, पेड़ो को काटना और इनके दुरुपयोग के प्रति असंवेदनशीलता एक दिन हमारी धरती को जल संकट की ओर ले जा सकती है।
लेकिन अब धीरे धीरे भूगर्भ जल को लेकर सरकारों के साथ ही जनता का भी रवैया पलटा है, क्योंकि जनता भी प्रदूषण में कमी ला रही है। साथ ही अलग अलग राज्य और देश भूगर्भ जल को लेकर जागरूक हो रहे है। उत्तर प्रदेश में भूगर्भ दिवस 10 जून को बहुत पहले से मनाया जाता है।
भारत में प्राचीन काल से ही भूमिगत जल को बचाने और उसका सदुपयोग करने का चलन रहा है। हमारी धार्मिक और आध्यात्मिक गुरु भी भूमिगत जल को बचाने की शिक्षा देते हैं।
इसीलिए हिंदू धर्म में ज्यादातर कार्यों में पोखरों को नदियों को तालाबों को धार्मिक अनुष्ठानों में ना केवल पूजा जाता है बल्कि उनमें स्नान करके पापों को अभी प्रायश्चित किया जाता है। इन सब को पूजने के पीछे हमारे पूर्वजों का उद्देश्य भूगर्भ जल का सदुपयोग सीखना ही था।
यूपी में भूगर्भ जल दिवस की शुरूआत
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव जिनको धरतीपुत्र के नाम से भी जाना जाता है 2005 में उन्होंने जल संरक्षण और जल के प्रति जागरूक होने के लिए 10 जून को भूगर्भ जल दिवस(world geothermal water day in hindi) मनाने का निर्णय लिया। और आज तक उसके बाद उत्तर प्रदेश में कई पार्टियों की सरकार रही लेकिन किसी भी पार्टी ने इस दिवस को नहीं बदला इसी से आप इस दिवस की सार्थकता का अंदाजा लगा सकते हैं।
विश्व भूगर्भ जल दिवस मनाने वाला भारत का पहला राज्य उत्तर प्रदेश था और दुनिया का पहला विश्व भूगर्भ जल दिवस मनाने वाला देश भारत ही है।
अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए होगा
यदि जल संकट ऐसी ही बढ़ता रहा तो 1 दिन दूर नहीं कि अगला तीसरा विश्व युद्ध जल के लिए ही होगा। भारत में बहुत सारे राज्य हैं जो जल के लिए आपसी समझौते पर हर रोज झगड़ा होता है। और विश्व में कई सारे ऐसे देश हैं जिनको नदियों को लेकर मतभेद आए दिन सामने आते रहते हैं।
भारत और पाकिस्तान का सिंधु विवाद भारत चीन का ब्रह्मपुत्र विवाद इनका मुख्य उदाहरण आप देख सकते हैं।
निष्कर्ष:- हम सभी को इस भूगर्भ जल दिवस पर मिलकर प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हम जल का हमेशा सदुपयोग करेंगे। जरूरत के बिना जल को व्यर्थ नहीं रहने देंगे, और मिलकर इस जल संसाधन का उपयोग करेंगे।
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